अगर आप की भी विवाह की समस्या है और विवाह में विलम्ब हो रहा हैं सब तरह से आप विवाह के लिए तैयार है फिर भी विवाह में देरी हो रही हैं तो आइये जानते हैं की शुक्र प्रदोष पर ऐसा क्या करना हैं कि आपको विवाह बाधा की समस्या दूर हो जाये। भगवान शिव को वरदानी, आशुतोष कहा जाता है। जब गौरी के जन्म के पश्चात हिमांचल ने श्री नारद जी को उनके विवाह के लिए पूछा था तब श्री राम चरित मानस में इस प्रसंग में एक चौपाई मिलती हैं।
जो तप करै कुमारि तुम्हारी, भावी मेटि सकहिं त्रिपुरारी।
माँ जानकी जी ने भी प्रभु श्री राम जी को वर के रूप में पाने के लिए
माँ पार्वती की पूजा की हैं ऐसा मानस में उल्लेख मिलता हैं।
ज्येष्ठ त्रयोदशी को दिन यदि त्रयोदशी शुक्रवार के दिन आये तो उसको शुक्र प्रदोष कहते हैं। इस दिन भगवान शंकर जी की पूजा अर्चना विशेष फलदायी होती हैं। सुख, वैवाहिक सुख, जीवन एवं आयु के कारक ग्रह शुक्र भगवान शिव के शिष्य हैं और इस दिन इनकी संयुक्त पूजा करने से जीवन में वैवाहिक सुख, विवाह बाधा, पति-पत्नी में प्रेम भाव बढ़ता हैं। सुख से सम्बंधित किसी भी तरह का लाभ पाने के लिए शुक्र प्रदोष का व्रत एवं पूजा करना लाभप्रद रहता है।
आप पुरुष हैं या महिला, यह पूजा किसी के लिए भी अत्यंत फलदायी एवं प्रभावी हैं। सामाजिक रूप से और पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी विवाह आवश्यक होता हैं और जब विवाह में विलंब होता हैं तो आप स्वयं के साथ साथ आपके परिवार, रिश्तेदार, शुभचिंतकों की भी चिंता का होने लगती हैं की आपका विवाह कब होगा ?
अब आइये यह जानते है कि शुक्र प्रदोष पर किस उम्र के लोगों को क्या उपाय करने हैं जो उनके शीघ्र विवाह में सहायक हो और उनके विवाह की यथाशीघ्र संभावना बन जाये। कैसे प्राप्त हो उनको माँ पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद ?
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अगर आपकी उम्र 20 से 25 वर्ष हैं तो कल शुक्र प्रदोष पर शाम के समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन कर शिव मंदिर जाकर भगवान शिव को पीले फूल या पीले फूल की पंखुड़ी और माँ पार्वती को गुलाबी फूल या गुलाबी फूल की पंखुडी चढ़ाकर एक एक माला "नमः शिवाय" और "ॐ गौर्ये नमः" का जाप करना है। अगर यह पूजा आप लड़की है तो पीले वस्त्र पहन कर कर सकते हैं और अगर आप लड़का हैं और गुलाबी रंग के वस्त्र पहन कर करते है तो अधिक अच्छा रहेगा।
अगर आपकी उम्र 25 से 30 वर्ष के बीच हैं तो आपको.....ऊपर बताये तरीके से ही सब पूजा करनी हैं पर मंत्र जाप में आप 3 माला इन दोनों मन्त्रों का जाप करेंगे....." ॐ नमः शिवाय" एवं "ॐ ह्रीँ गौर्ये नमः" ।
अगर आपकी उम्र 30 वर्ष से 35 वर्ष के बीच है तो पूजा का विधान सब ऊपर बताये गए ही है आप भगवान शिव को लाल फूल की माला और माँ गौरी को एक लाल चन्दन की माला अर्पित करेंगे और उसी माला से 3 माला "ॐ गौरीशंकराय नमः" का जाप करना हैं। आप लड़की है या लड़का यह माला शिव जी का प्रसाद समझकर गले में धराण करना है रात्रि में निकाल कर रख देंगे सुबह पुनः धारण कर लेंगे।
अगर आपकी उम्र 35 से भी अधिक है तो आप एक रुद्राक्ष की माला संयुक्त रूप से माँ उमा तथा शिव को चढ़ाकर "ॐ उमामहेश्वराभ्याम नमः" का 3 माला जाप करना है और यह जाप इसी माला से कम से कम 27 दिन तक लगातार करना हैं। अगर 27 दिन तक नहीं कर सकते हैं तो कम से कम 18 दिन तक यह प्रयोग अवश्य करना हैं।
आप सबको मेरी तरफ से शीघ्र विवाह हेतु हार्दिक शुभकामना
ज्योतिर्विद् राजेन्द्रःज्योतिषाचार्य जी