इन्द्रादि दश दिक्पाल पूजन पंचोपचार || Indradidashdikpal Poojan Panchopachar

indradi dashdikpaal poojan

|| इन्द्रादि दश दिक्पाल पूजन ||

हरि ॐ !! मित्रों स्वागत है आपका आस्था दरबार में आज मै आपको इन्द्रादि दश दिक्पालपूजन के सबसे आसान विधि के बारे में बताऊंगा जिसके माध्यम से आप खुद से अपने घर में इन्द्रादि दश दिक्पाल की पूजा कर सकते हैं | विशेषतः देखा गया है की सत्यनारायण पूजन  में पंचदेवता विष्णु पूजा के पश्चात आपको संकल्प करना है | संकल्प करने के बाद आपको सबसे पहले लक्ष्मी जी की पूजा करनी है | उसके बाद सरस्वती पूजा करनी होती है और उसके बाद हम आदि पुरुष की पूजा करते है  | आदिपुरुष पूजन के उपरांत ठीक उसी प्रकार से अनादि पुरुष की भी पूजा होती है| उसके पश्चात इन्द्रादि दश दिक्पाल की पूजा करनी चाहिए|

अक्षत लेकर  इन्द्रादि दश दिक्पाल का आवाहन करें -

ॐ भूर्भुवः श्वः श्री इन्द्रादि-दश्दिक्पाला: इहागच्छ इह तिष्ठ |

जल लेकर पाद्य, अर्घ, आचमन आदि कराएँ –

एतानि पाद्य- अर्घ्य- आचमनीय- स्नानीय- पुनराचमनीयानि ॐ श्री इन्द्रादि-दश्दिक्पालेभ्यो नमः |

चन्दन –

इदमनुलेपनम् ॐ श्री इन्द्रादि-दश्दिक्पालेभ्यो नमः |

अक्षत –

इदमक्षतम् ॐ श्री इन्द्रादि-दश्दिक्पालेभ्यो नमः |

पुष्प –

एतानि पुष्पाणि ॐ श्री इन्द्रादि-दश्दिक्पालेभ्यो नमः |

जल से नैवेद्य आदि क उत्सर्ग करें –

एतानि गंध- पुष्प- धुप- दीप- ताम्बूल- यथाभाग नानाविध नैवेद्यानि ॐ श्री इन्द्रादि-दश्दिक्पालेभ्यो नमः |

जल लय –

इदमाचनियम् ॐ श्री इन्द्रादि-दश्दिक्पालेभ्यो नमः |

फिर पुष्प लेकर पुष्पाञ्जलि दें –

एष पुष्पांजलि ॐ श्री इन्द्रादि-दश्दिक्पालेभ्यो नमः |

एक टिप्पणी भेजें

आस्था दरबार से जुड़ने के लिए धन्यवाद ||
||जय श्री राधे ||

और नया पुराने

Recent Posts